कोरोना काल में मितानिन ने किया बेहतर कार्य मितानिन दिवस कल

कोविड टीका लगवाने में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी मितानिन: सीएमएचओ डॉ.केसरी

रायगढ़ 22 नवंबर 2021, आप चाहे शहर में हो या फिर गांव में आपके घर एक महिला जरूर आती है जो आपसे आपके परिवार के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी लेती है। अब शहरी क्षेत्रों में भी इनके द्वारा स्वास्थ्य सेवायें दी जाने लगीं हैं किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में इनके भरोसे पूरा स्वास्थ्य विभाग टिका है यह हैं मितानिन।

फिर चाहे सामान्य टीके और पोषण के बारे में जानकारी देनी हो या कोविड संक्रमण दौर में उससे बचाव में लगी ड्यूटी या फिर कोविड टीका लगाने में लोगों को प्रेरित करना हो मितानिन ने अपना काम बखूबी निभाया।

कल यानी 23 नवंबर को प्रदेश समेत जिले में भी मितानिन दिवस मनाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केसरी ने मितानिन को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बताते हुए कहा, “प्रदेश में वर्ष 2011 से 23 नवंबर को मितानिन दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष जिला स्तर पर मितानिन सम्मान दिवस मनाया जाएगा।“

स्वास्थ्य विभाग के शहरी कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. राकेश वर्मा कहते हैं, “मितानिन के निस्वार्थ कार्यों से स्वास्थ्य विभाग को काफी सहयोग मिलता है, जहां विभाग के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाते वहां मितानिन पारा मोहल्ले में चाहे बारिश हो धूप हो पहुंचकर प्राथमिक उपचार देती है और गंभीर स्थिति में स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद करने में तत्पर रहते हैं। सरकार द्वारा मितानिन को टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, प्रसव पूर्व चार जांच, नवजात बच्चे के घर भ्रमण सहित कुछ सेवाएं पर शासन द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिले में कुल 4,004 मितानिन हैं वहीँ शहरी क्षेत्र में इनकी संख्या 167 है। “

यह है मितानिन का काम
मितानिन को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की संज्ञा दी गई है। ये गांव-गांव के पारा टोला में रहकर लोगों को मलेरिया, दस्त, निमोनिया, बीमार नवजात, टीवी, कुष्ठ, पीलिया, कुपोषण, कृमि, गर्भवती, शिशुवती, ऊपरी आहार के घर परिवार भ्रमण, गर्भवती पंजीयन, प्रसव पूर्व चार जांच, संस्थागत प्रसव, महिलाओं की खास समस्याएं, गर्भावस्था में देखभाल, प्रसव के बाद माता के देखभाल करती है। साथ ही सुरक्षित गर्भपात, महिला हिंसा रोकने, पोषण व खाद्य सुरक्षा, बच्चों का विकास, महिलाओं के अधिकार, स्तन कैंसर के लक्षण की जानकारी, पारा बैठक कर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना सहित अन्य कार्यों को भी निस्वार्थ भाव से करती है। कोविड में इनकी भूमिका का जिक्र न हो ऐसा नहीं हो सकता। आज रायगढ़ जिला टीकाकरण में शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर चुका है जिसमें इनका भी महत्वपूर्ण योगदान है।

परिजनों के विरोध के बाद भी डटी रही कौशल्या
मधुबन पारा की मितानिन कौशल्या मालाकार को परिवार भ्रमण के दौरान पता चला कि वार्ड की महिला किरण उरांव को बीते एक माह से खांसी की समस्या है और वजन भी कम होते जा रहा है। मितानिन ने उसे अस्पताल जाने के लिए सलाह दी। मरीज के परिजन यह कहकर उसे अस्पताल नहीं जाने दिए कि कौशल्या को कभी-कभी खांसी आती है। परंतु मितानिन ने हार नहीं मानी, बार-बार परिवार भ्रमण के दौरान उसके घरवालों को समझाने पर कि उसका वजन कम हो रहा है भूख में कमी हो रही है। इसके बाद परिजन मान गए। मितानिन ने उसका जांच व इलाज करवाया। हर माह दवा लाकर दवा खिलाई औऱ उसके घर माह भ्रमण करने पर उसकी सुधरती तबीयत पर निगाह बनाए रखी। आज वह हितग्राही ठीक और स्वस्थ है। उसके परिजनों ने मितानिन को धन्यवाद दिया।

बिना परिजन के कराया स्वस्थ्य प्रसव
जिला अस्पताल में बेलादुला वार्ड 21 की मितानिन कुंती वैष्णव ने हितग्राही सोनल सिदार (बदला हुआ नाम)का प्रसव बिना परिजनों के सहयोग से कराकर प्रसूता महिला की जान बचाई । प्रसव के दौरान अंजली के परिजन उसके साथ नहीं थे और नही उसका किसी भी प्रकार से सहयोग किया। उल्टा उसका पति गर्भवती को डांटने लगा। ऐसे में मितानिन गर्भवती महिला को जिला अस्पताल ले गई। जहां बड़े ऑपरेशन से महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। प्रसूता का पूरा खर्च मितानिन ने वहन किया। फिर स्वस्थ जच्चा-बच्चा को लेकर घर आई।

बचाई नवजात की जान
वार्ड 34 अंबेडकरनगर की मितानिन अमरीका टंडन ने बबली जांगड़े (पति चंद्रशेखर जांगड़े) का जिला अस्पताल में प्रसव कराया था। जन्म के बाद बच्चे को सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी। मितानिन परिवार भ्रमण के दौरान पता चला कि बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मितानिन ने परिजनों को अस्पताल ले जाने की सलाह दी पर वह नहीं माने तो मितानिन खुद बच्चे को लेकर अस्पताल गई। पहले तो डॉक्टर ने कहा कि बच्चे को कुछ नहीं है, मितानिन ने अच्छे से चेक-अप करने पर जोर दिया और बताया कि बच्चा तेज सांसें ले रहा है। डॉक्टर ने बच्चे का सघन परीक्षण किया तो पता चला कि बच्चे के दिल में छेद है। फिर उसे रायपुर रेफर कर दिया। कुछ दिनों बाद उसके परिवारवालों ने रायपुर में बच्चे का ऑपरेशन कराया। बच्चा आज स्वस्थ है। मितानिन को आज वह परिवार धन्यवाद देता है।

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